कुरान किसने लिखा?
भगवान ने अपने अंतिम पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) का समर्थन किया और उन्हें कई चमत्कारों और बहुत सारे सबूतों के साथ समर्थित किया जो साबित करते हैं कि वह एक सच्चे पैगंबर हैं जिन्हें भगवान ने भेजा था। साथ ही, भगवान ने अपनी अन्तिम प्रकट की गई पुस्तक, पवित्र कुरान का समर्थन किया और उसे कई चमत्कारों के साथ समर्थित किया जो साबित करते हैं कि यह कुरान भगवान का शाब्दिक शब्द है, जिसे उन्होंने प्रकट किया, और इसे किसी भी मानव ने लिखा नहीं था।
कुरान अल्लाह का शाब्दिक वचन है, जिसे उन्होंने अपने पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) को फ़रिश्ते जिब्राइल के माध्यम से प्रकट किया। इसे पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) ने याद किया, जिसके बाद उन्होंने इसे अपने साथियों को सुनाया। उन्होंने बारी-बारी इसे याद किया, लिखा, और पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) के साथ समीक्षा की। इसके अलावा, पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) प्रत्येक वर्ष एक बार फरिश्ते जिब्राइल के साथ कुरान की समीक्षा करते थे और उनके जीवन के अंतिम वर्ष में दो बार। क़ुरआन के प्रकट होने के समय से लेकर आज तक, हमेशा से ऐसे मुसलमानों की एक बड़ी संख्या रही है जिन्होंने पूरा कुरान याद कर लिया है। उनमें से कुछ १० साल की उम्र में पूरा कुरान याद करने में भी सक्षम रहे। सदियों से कुरान का एक भी अक्षर नहीं बदला गया है।
कुरान, जो चौदह सदियों पहले प्रकट हुआ था, उसने ऐसे तथ्यों का उल्लेख किया है जो हाल ही में वैज्ञानिकों के द्वारा खोज से साबित किए गए हैं। यह निस्संदेह रूप से साबित करता है कि कुरान वास्तव में भगवान का शाब्दिक वचन होना चाहिए, जिसे उन्होंने पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) को प्रकट किया, और कि कुरान के लेखक पैगंबर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) या कोई अन्य मानव नहीं था। इससे यह भी सिद्ध होता है कि पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ (उन पर शांति हो) वास्तव में एक हैं ईश्वर द्वारा भेजे गए पैगम्बर हैं । यह तर्क से परे है कि चौदह सौ साल पहले कोई भी ऐसा कर सकता था की इन तथ्यों का ज्ञान रखें, क्युकी यह ज्ञात है कि इन तथ्यों को हाल ही में उन्नत उपकरणों से और परिष्कृत वैज्ञानिक तरीको के साथ खोजा या सिद्ध किया गया है।
स्रोत:
islam-guide.com
अनुवादक:
Sayem Hossen